हारे हुए नेता जी .......... -ओशो अभी मैंने सुना कि जब जनता पार्टी हार गई और जनता पार्टी के नेता सब बेकार हो गए और हालत उनकी खस्ता हो गई--गए सब पद , गए सब बंगले , गई सब कारें , लूट-खसोट के सब अवसर भी गए--तो जगह-जगह तलाश करने लगे काम की। और राजनेताओं को कौन काम दे! लोग वोट दे देते हैं कि लो भई वोट ले लो , सार्वजनिक संपत्ति को लूटो , मगर काम पर अपने घर में कौन रखे! राजनेता को कोई अपने घर में रखेगा काम पर , क्या हरकत करे क्या पता! कोई काम देने को राजी नहीं। तो एक राजनेता , सरकस आई थी , उसमें चला गया। सरकस के मैनेजर से कहा कि अब तो बहुत हालत हो रही है , कड़की की हालत हो गई है। कोई न कोई काम चाहिए। उसने कहा , भाई और तो कोई काम नहीं है , हमारा सिंह मर गया है , तो उसकी खाल निकाल कर रख ली है , तुम उसमें प्रवेश कर जाओ। और तुम्हारे साथ में हम टेप-रिकार्डर दे देते हैं , सो अंदर से ही समय-समय पर टेप-रिकार्डर , अपने आप , आटोमेटिक है हुंकार भरेगा। इसमें रेकार्ड की हुई है सिंह की हुंकार। सो यह जब हुंकार भरे , तुम मुंह बा देना। दहाड़ जाएगा। एकदम सारे सरकस में आए लोगों की छ
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